sweetie radhika radhey-radhey

Friday, August 5, 2011

वन्दे मातरम !


बिट्रिश राज समाप्त हुआ था अभी स्वतंत्रता वाकी है !
गुंडे-बदमाशों-चोरों से कराना सिंघासन खाली है !!
स्वराज्य का सपना सच होने में देर लगेगी न कोई अब  !
लोकमान्य का कहना होगा मिलकर तिलक करेंगे सब !!
टूटे हुए भाग देश के पाने होंगे पुनः हमें !
तव ही प्यारा देश हमारा होगा  पूर्ण स्वतंत्र सच में !!
सच्ची श्रृद्धा वीर-बलिदानी शहीदों के चरणों में यही !
भ्रष्टाचार मिटे भारत से सुखी हों भारतवासी सभी !!
जगदगुरु (भारत धर्मं-भारत राष्ट्र) को पुनः इस जग में वोही पद देना होगा !
कर्तव्यनिष्ठ -धर्मसेवक - वीर और चारित्रिक भारतवासी बनना होगा !!
वन्देमातरम जयकारों में हम शंखनाद करके महा !
पुनि समर महाभारत सृजा पायें सत्य भारत को यहाँ !!

हारेंगे पुनि शकुनी-दुर्योधन एक न चलेही कायरों की !
पार्थ-सारथि के निर्देशन जय गीता ज्ञान विचारों की !!
पार्थ सदृश पुनि भारतमाता की रक्षा करनी होगी !
सत्य-ज्ञान-भक्ति केशव से सीख हमें लेनी होगी !!
धर्मं ध्वजा हम लहरायेंगे स्वाभिमान के अंचल में  !
जय हिंदुत्व-जय भारत कहके पुलकित होंगे जग भर में !!

भारत माता की जय ! वन्दे मातरम !








परन्तु दुर्भाग्य से हमारे अपने भारत वासियों की कुत्सित लालच-स्वार्थों के कारण सरकार-नेता तुष्टिकरण के द्वारा भारत धर्मं-भारत राष्ट्र विरोधी शक्तियों को बढ़ावा देकर सच्चे राष्ट्रभक्तों-वीर-बलिदानी सेवकों का अपमान कर भ्रष्टाचार रूपी गर्त में देश को धकेल रहे  है .. 
भाषा-क्षेत्र-जाति-संप्रदाय में महान आर्य समुदाय को बाँट कर आपस में लड़ाया जा रहा है ! 
एक न होने देकर विधर्मी-बिध्वंसकारी आतंकी  शक्तियों को पुष्ट किया जा रहा है ! 
मित्रो, हमें आवश्यकता है एकता की सम्पूर्ण हिन्दू समाज की परमश्रेय दाई एकता की ..
जिसके छत्र-छाया में हम सहज ही राष्ट्र को एक अच्छी चारित्रिक -राष्ट्र-धर्म सेवी सरकार प्रदान कर अपनी एवं राष्ट्र की उन्नति करें ! 
जय हिंद !!

9 comments:

  1. Lord krishna ki vani bhagavad geeta in sab pap evam papiyon ke uddhar ke liye vasundhara par upalbdh hai .. shri mad bhagavad geeta-ramayan ke ashirvadon se nishchay hi shreshth arya punah jagrit ho apana-apne mahat dharm-rashtra -sanskriti ki sudh lekar jagat men punah pratishthit hoga

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  2. bhagavad geeta hamen swdharma-aacharan ke palan hetu sikhati hai parantu samanytah jan-manash apane kshirn swarth vash kartavy palan se dur hain aise men aasha evam prarthana hai ki shighra hi govind apane vachananusar "paritranay sadhunam-vinashay cha duskritam" koi na koi upay kar denge !! jay shri hari !!

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  3. चारों धामों से निराला ब्रजधाम -जय-जय श्यामा श्याम !!

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  4. वृन्दावन सो वन नहीं -नन्दगाँव सो गाँव !
    वंशीवट सो वट नहीं -कृष्ण नाम सो नाम !!
    वृन्दावन के बृक्ष को मरमु न जाने कोई !
    डाल-डाल अरु पात पे श्री राधे-राधे होई !!

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  5. धन वृन्दावन धाम है, धन वृन्दावन नाम। धन वृन्दावन रसिक जो सुमिरै स्यामा स्याम।
    हम ना भई वृन्दावन रेणु,
    तिन चरनन डोलत नंद नन्दन नित प्रति चरावत धेनु।
    हम ते धन्य परम ये द्रुम वन बाल बच्छ अरु धेनु।
    सूर सकल खेलत हँस बोलत संग मध्य पीवत धेनु॥

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  6. वृन्दावन धाम कौ वास भलौ, जहाँ पास बहै यमुना पटरानी।
    जो जन न्हाय के ध्यान करै, बैकुण्ठ मिले तिनको रजधानी॥..
    यमुना यम दूतन टारत हैं -भव तारत हैं श्री राधिका रानी

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  7. मुक्ति कहे गोपाल सों मेरी मुक्ति बताय !
    ब्रजरज उडि मस्तक पड़े मुक्ति मुक्त हो जाय !!

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  8. कीरतिसुता के पग-पग में प्रयाग यहाँ -केशव की केलि कुञ्ज कोटि-कोटि काशी हैं !!

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  9. जयति तेSधिकम जन्मना ब्रजः -श्रयत इंदिरा शस्वदत्र ही !

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