sweetie radhika radhey-radhey

Saturday, May 28, 2011

जो बोले सो विजय -सत्य सनातन धर्म की जय

  
धर्म न दूसर सत्य समाना 
और परोपकार भक्तों की रीती है यथा श्री मद रामचरितमानस के आधार पर  "निज परिताप द्रवहि नवनीता ! पर दुःख द्रवहि संत सुपनीता !!
संत जन "जो सहि दुःख पर छिद्र दुरावा " अतः परहित भाव के आगे भगवद भजन गौण नहीं है अपितु सभी भक्ति मार्गियों में सहज ही परोपकार होता है ! केवल परोपकार भी झंझटकारी है क्योंकि श्री मद भगवद गीता के अनुसार सभी शुभ-अशुभ कर्मों अर्थार्त पुन्य-पाप सभी का फल भोगना पड़ता है ! फल प्राप्ति हेतु पुनरपि जन्म लेना ही पड़ता है ! जबकि भक्त अपने सभी पुण्यों को श्री कृष्णार्पण कर निष्काम भाव से भगवद प्रीति में रत रहता है  ! और मित्रो संसार में केवल एक मात्र सनातन धर्म ही धर्म है ! शेष सब मिथ्या आडम्बर है ,, अन्य सभी कथित धर्म व्यक्तिवादी हैं वहां स्वर्ग सुख ही सर्वोपरी है !जबकि सनातन धारा ब्रह्म-वादी, भगवद प्रेम प्रदायी है यहाँ "स्वर्गहु लाभ अ;प सुख दाई है" ईश्वर से मिलन ही जहाँ सर्वोपरि सिद्धांत है ! सनातन धर्म मुक्ति कांक्षी है जबकि अन्यान्य भ्रम प्रदायी -बंधन कारक है  ! सनातन धर्म सत्य है और सत्य का कभी अभाव नहीं होता " नासते विध्यते भावो-ना भावो विध्यते सतः "  सनातन धर्म सृष्टि के पूर्व भी था ..सृष्टि के समय भी है तथा आगे सृष्टि के उपरांत भी रहेगा ... और मित्रो सत्य के अलावा कुछ और का असतित्व ही नहीं तो कोई और कैसे धर्म हो सकता है ! भगवान कृष्ण के अनुसार श्री मद भगवद गीता में वर्णित अन्य धर्म केवल वर्णाश्रम-देश-काल आधारित कर्म हैं ! यदि कोई अन्य किसी धर्म में विश्वास रखता है तो वह भगवद गीता के विरुद्ध है ! अतः अन अनुकरणीय है ! मेरा सुझाव है कि सर्व धर्म सम्मलेन के बजाय सनातन धर्म सम्मलेन कहना अधिक उचित है ! अतः कृपया हिंदुत्व-सनातन धर्म के महत्वा को समझें ! और रही बात अन्य सभी धर्मों के मिथ्या सिद्ध करने की तो मित्रो हिंदुत्व  के अलावा अन्य सभी छद्म धर्म पुनर्जन्म में विश्वास नहीं रखते और पुनर्जन्म स्रष्टि का अकाट्य सत्य है जिसे विज्ञानं भी समझने की कोशिश में है ! अतः अन्य सभी धर्मों को हम केवल एक ही धारणा पुनर्जन्म धारणा से झूंठ सिद्ध कर देते हैं ! जय-जय श्री राधेश्याम - जय सियाराम -हर-हर महादेव      

3 comments:

  1. धर्म न दूसर सत्य समाना
    और परोपकार भक्तों की रीती है यथा श्री मद रामचरितमानस के आधार पर "निज परिताप द्रवहि नवनीता ! पर दुःख द्रवहि संत सुपनीता !!
    संत जन "जो सहि दुःख पर छिद्र दुरावा " अतः परहित भाव के आगे भगवद भजन गौण नहीं है अपितु सभी भक्ति मार्गियों में सहज ही परोपकार होता है ! केवल परोपकार भी झंझटकारी है क्योंकि श्री मद भगवद गीता के अनुसार सभी शुभ-अशुभ कर्मों अर्थार्त पुन्य-पाप सभी का फल भोगना पड़ता है ! फल प्राप्ति हेतु पुनरपि जन्म लेना ही पड़ता है ! जबकि भक्त अपने सभी पुण्यों को श्री कृष्णार्पण कर निष्काम भाव से भगवद प्रीति में रत रहता है ! और मित्रो संसार में केवल एक मात्र सनातन धर्म ही धर्म है ! शेष सब मिथ्या आडम्बर है ,, अन्य सभी कथित धर्म व्यक्तिवादी हैं वहां स्वर्ग सुख ही सर्वोपरी है !जबकि सनातन धारा ब्रह्म-वादी, भगवद प्रेम प्रदायी है यहाँ "स्वर्गहु लाभ अ;प सुख दाई है" ईश्वर से मिलन ही जहाँ सर्वोपरि सिद्धांत है ! सनातन धर्म मुक्ति कांक्षी है जबकि अन्यान्य भ्रम प्रदायी -बंधन कारक है ! सनातन धर्म सत्य है और सत्य का कभी अभाव नहीं होता " नासते विध्यते भावो-ना भावो विध्यते सतः " सनातन धर्म सृष्टि के पूर्व भी था ..सृष्टि के समय भी है तथा आगे सृष्टि के उपरांत भी रहेगा ... और मित्रो सत्य के अलावा कुछ और का असतित्व ही नहीं तो कोई और कैसे धर्म हो सकता है ! भगवान कृष्ण के अनुसार श्री मद भगवद गीता में वर्णित अन्य धर्म केवल वर्णाश्रम-देश-काल आधारित कर्म हैं ! यदि कोई अन्य किसी धर्म में विश्वास रखता है तो वह भगवद गीता के विरुद्ध है ! अतः अन अनुकरणीय है ! मेरा सुझाव है कि सर्व धर्म सम्मलेन के बजाय सनातन धर्म सम्मलेन कहना अधिक उचित है ! अतः कृपया हिंदुत्व-सनातन धर्म के महत्वा को समझें ! और रही बात अन्य सभी धर्मों के मिथ्या सिद्ध करने की तो मित्रो हिंदुत्व के अलावा अन्य सभी छद्म धर्म पुनर्जन्म में विश्वास नहीं रखते और पुनर्जन्म स्रष्टि का अकाट्य सत्य है जिसे विज्ञानं भी समझने की कोशिश में है ! अतः अन्य सभी धर्मों को हम केवल एक ही धारणा पुनर्जन्म धारणा से झूंठ सिद्ध कर देते हैं ! जय-जय श्री राधेश्याम - जय सियाराम -हर-हर महादेव
    जो बोले सो विजय -सत्य सनातन धर्म की जय

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  2. hindu dharma ki kuchh visheshtaayen
    1-punar janm vishwas
    2-gau seva--manyata ki gau mata men sampurn devon ka vaash hai..gau seva se samast yagya -puja-archanayen puri ho jatin hain
    3-varnashram vyavastha
    4-swarg se bhi upar moksha ki sankalpana
    5-murti puja
    6-vedon men vishwas
    7-mata-pita guru janon ke charan vandan
    8-bhagavad priti-bhagavad bhakti
    9-bhagavan dwara avatar lene ki manyata
    10-charachar men iswariy anubhuti
    jai-jai shri radhey

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  3. मित्रो ,, क्या बिना हिंदुत्व के इस भारत राष्ट्र का कोई अस्तित्व रह पायेगा ? यह भारत देश इस महान सनातन संस्कृति का साक्षी है - सनातन धर्मं-सभ्यता का इतिहास है ...सनातन धर्मं -संस्कृति इस देश की विरासत है बिना हिंदुत्व के भारत भिखारी है -हिंदुत्व भारत को प्राप्त भगवद वरदान हैं ,,भारत भगवान श्री राम और श्याम की जन्म स्थली है ...मित्रो , बिना साँस के जिस प्रकार जीवन असंभव है उसी प्रकार बिना सनातन वरदान के यह राष्ट्र है ... हिंदुत्व भारत की आत्मा है ... हिंदुत्व की गरिमा भारत की गरिमा है अतः गर्व से भगवद गीता की भांति कहो
    ...धर्मो जयति -उत्तिष्ठ भारतः
    जय हिंदुत्व-जय भारत

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