हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे !
हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे !!
एक सैनिक मित्र के सन्देश हम रात को जागते हें देश की रक्षा के लिए
जो अत्यंत ही श्रेष्ठ एवं भारत व भारत वासियों की सेवा में है को पढ़ मैने उस सैनिक मित्र को लिखा -
हम प्रति-पल जागते हें धर्मं-राष्ट्र -समाज एवं आत्म सुधार -उद्धार- रक्षा-उन्नति के लिए
जय-जय सियाराम जी !
राधे-राधे-श्याम !
श्री हरी !
नमः पार्वती पत्ये हर-हर महादेव
हरेकृष्ण हरेकृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे !
हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे !!
मित्रो यहाँ मेंने आत्म का विशेष रूप से उल्लेख किया है क्योंकि जब तक हम स्वयं में नहीं सुधार करेंगे तव तक दूसरों से सुधार की अपेक्षा कैसे ?
तथा सुधार किसी भी उन्नति के लिए परमावश्यक है , चाहे वहां राष्ट्र-समाज-धर्म-व्यक्तिगत कोई भी हो ,,
हमें समय-समय पर समय के सापेक्ष परिवतन की परमावश्यकता है ,, जिन समाज-राष्ट्र-धर्म एवं व्यक्ति में सुधार एवं सुधारकों की कमी है वे प्राय गतिहीन-मूल्यहीन मृतक समान हैं !
सौभाग्य से मेरा महान भारत देश-संस्कृति एवं सनातन धर्म जन कल्याण हेतु सुधारों के लिए सदैव तत्पर हैं
यहाँ संख्या बढ़ने की जेहाद-क्रुसेड या अन्य कोई संवेदन हीन स्वार्थ युक्त आतुरता नहीं यहाँ सदैव सर्वश्रेष्ठ जन-कल्याण कारी राम-राज्य की अभिलाषा है ,, यहाँ मुरली मनोहर भगवान श्री कृष्ण की मधुर-शांति युक्त मुरली आस्वादन की प्रार्थनाएं हैं ! हमारी महान संस्कृति-विरासत "सर्वे भवन्तु सुखिनः" की सच्ची एवं मानवतावादी से भी ऊपर चराचर के कल्याण हेतु हमें शिक्षित कर हमें जीवन लाभ की दिशा सुझाती है !
अतः मित्रो वर्तमान में अबिलम्ब ६० बर्ष पुराने संविधान को यथा योग्य संशोधित कर देश एवं देशवासियों को सच्चे लाभ देने चाहिए ! एक भाषा (राष्ट्र भाषा संस्कृत) , एक कानून (धर्म के नाम पर कोई दूसरा कानून न रख कर सच्ची धर्म निरपेक्षता तथा एक देश एक कानून के अंतर्गत सम्पूर्ण भारत राष्ट्र में एक नियम-संबिधान रख सच्ची राष्ट्र निष्ठां .. वर्तमान में कश्मीर में दूसरा संविधान भी लागू होता है जो राष्ट्र निष्ठां पर कुठाराघात है ), राष्ट्र धर्म ( सनातन धर्म के विना इस भारत राष्ट्र की पहचान सदैव ही अधूरी है ),एवं भ्रष्टाचार निवारण के लिए अमेरिकेन संविधान सदृश राष्ट्रपति चुनाव एवं अधिकार के साथ-साथ कोई और अन्य सर्व सम्मत योजना ! जैसे उपाय कर देश को शशक्त-सम्माननीय बनाना ही होगा - इसी प्रकार धार्मिक एवं अध्यात्मिक सेवा कार्यों से निज स्वार्थ-व्यापार को लोगों को ठगने की योजना वद्ध ठगी को रोकने हेतु भी बहुत से उपाय धार्मिक-अध्यात्मिक संत-भक्त-आचार्यों के सुझावों से करने ही होंगे !मुझे विश्वास है की उपरोक्त राष्ट्र एवं धर्म के सेवा सुधारों से सभी राष्ट्र वासियों को मिलने वाले अवसरों की संख्या में वृद्धि होगी फल स्वरुप सभी देशवासी स्व सुधार कर उन्नति प्राप्त कर धर्मं -समाज एवं राष्ट्र की उन्नति करेंगे !
जय हिंद !! जय भारत !!
श्रीजी एवं भगवान श्याम सुन्दर के भक्त मन रंजन-पतित पावन चरण-कमलों में आपके शुभ एवं उन्नति हेतु मेरी प्रार्थनाएं
ReplyDelete- जय-जय श्री राधेकृष्ण !!
शुभरात्रि
श्रीजी के चरणारविन्दों में प्रार्थनाएं कि
ReplyDeleteश्री राधेश्याम नाम गान/संकीर्तन के साथ आपके जीवन-चित्त सरोवर में
श्री वृन्दावन चन्द्र के शोभा -सुगंध -सुध -स्नेह -प्रेम-वार्ता - भाव बसे रहें !
-जय श्री राधेश्याम
रक्षा-बंधन के परम मंगल-कल्याणकारी एवं मधुरतम उत्सव-पर्व पर मेरी ओर से सभी बहनों-भाइयों को जय-जय श्रीराधे
ReplyDeleteOn 'Raksha Bandhan' Day
ReplyDeleteयेन बध्दो बली राजा
दानवेन्द्रो महाबल: |
तेन त्वामनुबध्नामि
रक्षे मामव मामव ||
You will be tied with the Raksha from which the Great and Powerful Bali Raja was tied and held. Protect us Oh ! Raksha.
रक्षा-बंधन के पावन सुअवसर पर ,,
ReplyDeleteमेरी श्री प्रियालाल जी के चरणों में
सभी बहन एवं भाइयों की मधुर मुस्कान के लिए प्रार्थनाएं
जय-जय श्री राधेश्याम जी !